ओम नमो नारायण!
दशनाम गोसावी समाज में, मृत्यु के बाद, तीसरे दिन और तेरहवें पर - भंडारा, पूजा की जाती है। यह पूजा अनुष्ठान महाराष्ट्र में हर जगह समान नहीं है। यह भी अनुभव है कि कई स्थानों पर पूजा को नहीं जाना जाता है या इसे पुजारी के रूप में नहीं किया जाता है।
यह गलतियां न करने और इस समुदाय की पारंपरिक विरासत को नई पीढ़ी को बताने का प्रयास है।
सनातन समाधि अनुष्ठान नवनाथ साहित्य में पाया जाता है। इस बात का सावधानीपूर्वक अध्ययन किया गया है कि योगी / गोसावी का ये अनुष्ठान उनकी धरती पर कैसे किया जाना चाहिए।
- मि। सुरेश भारती
(M.A.B.Ed.)